Connect with us

दिल्ली

दिल्ली विधानसभा सत्र: मोहल्ला क्लीनिक में गड़बड़ी की जांच, रेखा सरकार आज पेश करेगी CAG रिपोर्ट

Published

on

दिल्ली

बदरपुर में विशाल अजगर का रेस्क्यू: टीम की मेहनत से बचाई गई जान, वीडियो हुआ वायरल

Published

on

दिल्ली के बदरपुर क्षेत्र में एक विशाल अजगर (python) नजर आया, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। जैसे ही लोगों को इसकी जानकारी मिली, बड़ी संख्या में लोग अजगर को देखने के लिए इकट्ठा हो गए। कुछ युवकों ने अजगर को पत्थर मारकर परेशान करने की कोशिश की। इस दौरान, किसी ने वन्यजीव रेस्क्यू टीम को सूचना दी। टीम तुरंत मौके पर पहुंची और अजगर को सुरक्षित तरीके से पकड़ा।

अजगर को पकड़ने का प्रयास करते समय कई लोग वहां मौजूद थे। उसका आकार इतना बड़ा था कि उसे नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन अंततः सामूहिक प्रयासों से उसे सफलतापूर्वक पकड़ लिया गया। इसके बाद, अजगर को सूरजकुंड के जंगलों में छोड़ा गया, ताकि वह अपने प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रह सके।

रेस्क्यू के बाद, लोगों ने राहत की सांस ली, क्योंकि अजगर को देखने के लिए जुटी भीड़ के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में कठिनाई का सामना करना पड़ा। वन्यजीव विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी वन्यजीव को नुकसान न पहुंचाएं और ऐसी स्थितियों में तुरंत अधिकारियों को सूचित करें। शहरी क्षेत्रों में वन्यजीवों के आने पर उचित कदम उठाना जरूरी है, क्योंकि उनका शिकार करना न केवल अनैतिक है, बल्कि कानूनी रूप से भी दंडनीय हो सकता है।

Continue Reading

दिल्ली

10 साल में केवल आधे मरीजों का इलाज, एक मिनट में नहीं सुना जाता उनकी परेशानी; CAG रिपोर्ट में मोहल्ला क्लीनिक की कई कमियां उजागर

Published

on

By

नई दिल्ली: दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों की स्थिति पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में गंभीर चिंता जताई गई है। रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टर मरीजों को देखने में एक मिनट से कम समय व्यतीत कर रहे हैं, जबकि कई क्लीनिकों में आवश्यक उपकरणों की कमी देखी गई है, और कुछ क्लीनिक महीनों तक बंद रहे। इसमें दवाओं की अनुपलब्धता, लैब सेवाओं का ठप होना, और आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार द्वारा किए गए वादों के अनुसार कम क्लीनिकों के निर्माण जैसे मुद्दे भी शामिल हैं। रिपोर्ट में क्लीनिकों के निरीक्षण में लापरवाही का भी उल्लेख किया गया है।

CAG की रिपोर्ट ने दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिकों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। इसमें बताया गया है कि अधिकांश मरीजों को डॉक्टरों द्वारा एक मिनट से भी कम समय दिया जा रहा है, और जरूरी उपकरण जैसे पल्स ऑक्सीमीटर, ग्लूकोमीटर, एक्स-रे व्यूअर, थर्मामीटर और ब्लड प्रेशर मॉनिटर कई क्लीनिकों में उपलब्ध नहीं हैं।

रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि 18% क्लीनिक 15 दिनों से लेकर 23 महीनों तक बंद रहे हैं। इसके पीछे डॉक्टरों की कमी, इस्तीफे और डी-एम्पैनलमेंट जैसे कारण बताए गए हैं। चार जिलों के 218 क्लीनिकों में से 41 क्लीनिक बंद मिले। अक्टूबर 2022 से मार्च 2023 के बीच 70% मरीजों को एक मिनट से भी कम समय के लिए परामर्श दिया गया, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं।

दवाओं की उपलब्धता पर भी चिंता जताई गई है। 74 क्लीनिकों में आवश्यक दवा सूची (EDL) में शामिल 165 दवाओं का पूरा स्टॉक नहीं पाया गया। दवाओं की आपूर्ति में बार-बार आने वाली दिक्कतों के कारण कई बार ऑर्डर पूरे नहीं हो पाए या आंशिक रूप से ही पूरे हुए। कई दवाएं या तो खरीदी ही नहीं गईं या ऑर्डर देने के बावजूद विक्रेताओं द्वारा डिलीवर नहीं की गईं। इसके परिणामस्वरूप, क्लीनिकों की समय पर देखभाल प्रदान करने की क्षमता प्रभावित हुई।

AAP सरकार के 10 साल के शासन में केवल 53% नियोजित मोहल्ला क्लीनिक ही बन पाए हैं। दूसरे कार्यकाल में सिर्फ 38 क्लीनिक जोड़े गए, जो उनके मेडिकल सर्विस के लक्ष्य से काफी पीछे हैं। 2015 में AAP सरकार ने 1000 क्लीनिक बनाने का वादा किया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ है। CAG रिपोर्ट में प्रोजेक्ट में देरी पर भी चिंता व्यक्त की गई है।

अधिकांश मोहल्ला क्लीनिकों में बुनियादी सुविधाओं की कमी का भी खुलासा हुआ है। 81 क्लीनिकों के मूल्यांकन में कई कमियां पाई गईं, जैसे कि 10 क्लीनिकों में पीने के पानी की अनुपलब्धता और 24 में दवाओं के भंडारण के लिए एयर कंडीशनिंग की कमी। इसके अलावा, कई क्लीनिकों में शौचालय की सुविधाएं भी नहीं थीं।

CAG ने बताया कि डीजीएचएस ने 26 फरवरी 2018 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें सभी मोहल्ला क्लीनिकों का तिमाही दौरा अनिवार्य किया गया था। हालाँकि, ऑडिट से पता चला है कि मार्च 2018 और मार्च 2023 के बीच केवल 1.5% निरीक्षण ही पूरे किए गए।

Continue Reading

दिल्ली

दिल्ली CM की सचिव मधु रानी तेवतिया: पति की हत्या के 12 दिन बाद बच्चे का जन्म – एक दिल दहला देने वाली कहानी

Published

on

By

भोपाल: शहीद आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह की पत्नी, डॉ. मधु रानी तेवतिया, अब दिल्ली के मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सचिव बन गई हैं। डॉ. मधु रानी ने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया है। उनकी शादी के कुछ ही महीनों बाद, उनके पति की हत्या हो गई थी, जबकि वह उस समय गर्भवती थीं और मातृत्व अवकाश पर थीं। पति की हत्या की खबर सुनकर वह बेहद दुखी हो गई थीं। अंतिम संस्कार के बाद, उन्हें फिर से चेकअप के लिए अस्पताल जाना पड़ा।

डॉ. मधु रानी तेवतिया, जो पहले मध्य प्रदेश कैडर की आईएएस अधिकारी थीं, की शादी आईपीएस नरेंद्र कुमार सिंह से हुई थी, जो भी मध्य प्रदेश कैडर के अधिकारी थे। नरेंद्र कुमार की पोस्टिंग मुरैना जिले में एसडीओपी के रूप में थी, जबकि डॉ. मधु रानी की तैनाती ग्वालियर में थी। 8 मार्च को होली के दिन, नरेंद्र कुमार की हत्या उस समय हुई जब वे सरकारी आवास पर त्योहार की तैयारी कर रहे थे। ड्यूटी के दौरान रेत माफियाओं ने उन्हें ट्रैक्टर से कुचलकर मार डाला, जिससे पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया।

जब उनकी हत्या हुई, डॉ. मधु रानी उस समय दिल्ली में थीं। पति की हत्या के बाद, उन्होंने न्याय की लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया। परिवार ने आरोप लगाया कि उन्हें भी निशाना बनाया गया था, क्योंकि उन्हें जबलपुर से ग्वालियर स्थानांतरित कर दिया गया था, जबकि उन्होंने सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु का पुरस्कार जीता था।

आईपीएस नरेंद्र कुमार सिंह का संबंध अलीगढ़ के लालपुर गांव से था। उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत बिहार कैडर से की थी और बाद में मध्य प्रदेश में स्थानांतरित हुए थे। उनकी हत्या से 45 दिन पहले ही उनकी मुरैना में पोस्टिंग हुई थी।

डॉ. मधु रानी होमियोपैथी की डॉक्टर हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के नेहरू होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज से बीएचएमएस की डिग्री प्राप्त की और इसके बाद आईआईटी मद्रास से एमबीए किया। 2008 में आईएएस बनने के बाद, उन्होंने विभिन्न स्थानों पर अपनी सेवाएं दी हैं।

हाल में, डॉ. मधु रानी ने दिल्ली मुख्यमंत्री की सचिव के रूप में नई जिम्मेदारी संभाली है। उनकी कहानी एक मजबूत और साहसी महिला की है, जिसने जीवन की कठिनाइयों का सामना करते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।

Continue Reading
Advertisement

Trending

Copyright © 2017 Zox News Theme. Theme by MVP Themes, powered by WordPress.