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दिल्ली विधानसभा के बाहर AAP विधायकों का 7 घंटे का प्रदर्शन, आतिशी कल राष्ट्रपति से करेंगी मुलाकात

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विपक्ष की नेता आतिशी और आम आदमी पार्टी (AAP) के अन्य विधायकों को गुरुवार को दिल्ली विधानसभा परिसर में प्रवेश से रोक दिया गया, जिसके बाद उन्होंने विधानसभा के बाहर लगभग सात घंटे तक धरना दिया। पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली में भाजपा सरकार तानाशाही की सभी सीमाएं पार कर रही है। दरअसल, मंगलवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान सदन में व्यवधान डालने के कारण AAP के विधायकों को निलंबित कर दिया गया था।

AAP विधायकों का कहना है कि वे सीएम कार्यालय से भीमराव आंबेडकर की तस्वीर हटाने के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। इस सिलसिले में, गुरुवार को पार्टी के नेताओं ने विधानसभा परिसर के गेट के बाहर धरना दिया। इस दौरान उन्होंने ‘डफली’ की धुन पर अंबेडकर की तस्वीरें लेकर प्रदर्शन किया और सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ नारे लगाए – “भाजपा सुन ले, जय भीम, जय भीम”, “भाजपा की तानाशाही नहीं चलेगी”। लगभग सात घंटे के विरोध प्रदर्शन के बाद, नेता विपक्ष आतिशी ने कहा कि वे शुक्रवार को राष्ट्रपति से मिलने जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि AAP विधायकों को जय भीम के नारे लगाने की वजह से निलंबित किया गया है, और यह आवाज दिल्ली समेत पूरे देश में गूंजेगी।

जब आतिशी विधानसभा परिसर में प्रवेश कर रही थीं, तो वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। इस पर उनकी पुलिसकर्मियों के साथ तीखी बहस हुई। आतिशी ने पूछा कि उन्हें विधानसभा में प्रवेश क्यों नहीं दिया जा रहा है, जिस पर पुलिस का जवाब था कि स्पीकर का आदेश है कि AAP विधायकों को प्रवेश न दिया जाए। इसके बाद, आतिशी ने पुलिस से उस आदेश की कॉपी मांगी।

आतिशी ने राष्ट्रपति को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने दिल्ली सरकार के दफ्तरों से आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हटाने का मुद्दा उठाया है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “दिल्ली में भाजपा की सरकार ने संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह जी की तस्वीरें हटा दी हैं। यह न केवल देश के वीर सपूतों का अपमान है, बल्कि दलित, पिछड़े और वंचित समाज का भी अपमान है।”

उन्होंने आगे लिखा, “जब AAP ने इस मुद्दे पर विरोध किया, तो विधानसभा अध्यक्ष ने अलोकतांत्रिक रूप से 21 विधायकों को निलंबित कर दिया। आज जब AAP के विधायक विधानसभा जा रहे थे, तो उन्हें पुलिस ने रोक दिया। यह लोकतंत्र का अपमान है।”

आतिशी ने पत्र में आगे कहा, “यदि विपक्ष को इस तरह रोका जाएगा, तो जनता के मुद्दे कौन उठाएगा? लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों का होना आवश्यक है। अगर ऐसा नहीं होगा, तो यह जनता की आवाज को दबाने की कोशिश है।”

बता दें कि दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही में AAP के 21 विधायक हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं। उन्हें LG के भाषण के दौरान नारेबाजी करने पर निलंबित किया गया था। केवल अमानतुल्लाह खान ही इस कार्रवाई से बच गए थे क्योंकि वह उस समय सदन में मौजूद नहीं थे। AAP विधायक कुलदीप कुमार ने कहा, “हमें निलंबित कर दिया गया है क्योंकि हमने ‘जय भीम’ के नारे लगाए थे। यह गलत है। वे विपक्ष की आवाज को कैसे रोक सकते हैं?”

एक अन्य विधायक संजीव झा ने कहा, “स्पीकर का आदेश अजीब है। हम ही थे जिन्होंने उनकी नियुक्ति का समर्थन किया था, और अब हमें निष्कासित कर दिया गया है।

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बदरपुर में विशाल अजगर का रेस्क्यू: टीम की मेहनत से बचाई गई जान, वीडियो हुआ वायरल

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दिल्ली के बदरपुर क्षेत्र में एक विशाल अजगर (python) नजर आया, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। जैसे ही लोगों को इसकी जानकारी मिली, बड़ी संख्या में लोग अजगर को देखने के लिए इकट्ठा हो गए। कुछ युवकों ने अजगर को पत्थर मारकर परेशान करने की कोशिश की। इस दौरान, किसी ने वन्यजीव रेस्क्यू टीम को सूचना दी। टीम तुरंत मौके पर पहुंची और अजगर को सुरक्षित तरीके से पकड़ा।

अजगर को पकड़ने का प्रयास करते समय कई लोग वहां मौजूद थे। उसका आकार इतना बड़ा था कि उसे नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन अंततः सामूहिक प्रयासों से उसे सफलतापूर्वक पकड़ लिया गया। इसके बाद, अजगर को सूरजकुंड के जंगलों में छोड़ा गया, ताकि वह अपने प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रह सके।

रेस्क्यू के बाद, लोगों ने राहत की सांस ली, क्योंकि अजगर को देखने के लिए जुटी भीड़ के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में कठिनाई का सामना करना पड़ा। वन्यजीव विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी वन्यजीव को नुकसान न पहुंचाएं और ऐसी स्थितियों में तुरंत अधिकारियों को सूचित करें। शहरी क्षेत्रों में वन्यजीवों के आने पर उचित कदम उठाना जरूरी है, क्योंकि उनका शिकार करना न केवल अनैतिक है, बल्कि कानूनी रूप से भी दंडनीय हो सकता है।

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दिल्ली विधानसभा सत्र: मोहल्ला क्लीनिक में गड़बड़ी की जांच, रेखा सरकार आज पेश करेगी CAG रिपोर्ट

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10 साल में केवल आधे मरीजों का इलाज, एक मिनट में नहीं सुना जाता उनकी परेशानी; CAG रिपोर्ट में मोहल्ला क्लीनिक की कई कमियां उजागर

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नई दिल्ली: दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों की स्थिति पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में गंभीर चिंता जताई गई है। रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टर मरीजों को देखने में एक मिनट से कम समय व्यतीत कर रहे हैं, जबकि कई क्लीनिकों में आवश्यक उपकरणों की कमी देखी गई है, और कुछ क्लीनिक महीनों तक बंद रहे। इसमें दवाओं की अनुपलब्धता, लैब सेवाओं का ठप होना, और आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार द्वारा किए गए वादों के अनुसार कम क्लीनिकों के निर्माण जैसे मुद्दे भी शामिल हैं। रिपोर्ट में क्लीनिकों के निरीक्षण में लापरवाही का भी उल्लेख किया गया है।

CAG की रिपोर्ट ने दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिकों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। इसमें बताया गया है कि अधिकांश मरीजों को डॉक्टरों द्वारा एक मिनट से भी कम समय दिया जा रहा है, और जरूरी उपकरण जैसे पल्स ऑक्सीमीटर, ग्लूकोमीटर, एक्स-रे व्यूअर, थर्मामीटर और ब्लड प्रेशर मॉनिटर कई क्लीनिकों में उपलब्ध नहीं हैं।

रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि 18% क्लीनिक 15 दिनों से लेकर 23 महीनों तक बंद रहे हैं। इसके पीछे डॉक्टरों की कमी, इस्तीफे और डी-एम्पैनलमेंट जैसे कारण बताए गए हैं। चार जिलों के 218 क्लीनिकों में से 41 क्लीनिक बंद मिले। अक्टूबर 2022 से मार्च 2023 के बीच 70% मरीजों को एक मिनट से भी कम समय के लिए परामर्श दिया गया, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं।

दवाओं की उपलब्धता पर भी चिंता जताई गई है। 74 क्लीनिकों में आवश्यक दवा सूची (EDL) में शामिल 165 दवाओं का पूरा स्टॉक नहीं पाया गया। दवाओं की आपूर्ति में बार-बार आने वाली दिक्कतों के कारण कई बार ऑर्डर पूरे नहीं हो पाए या आंशिक रूप से ही पूरे हुए। कई दवाएं या तो खरीदी ही नहीं गईं या ऑर्डर देने के बावजूद विक्रेताओं द्वारा डिलीवर नहीं की गईं। इसके परिणामस्वरूप, क्लीनिकों की समय पर देखभाल प्रदान करने की क्षमता प्रभावित हुई।

AAP सरकार के 10 साल के शासन में केवल 53% नियोजित मोहल्ला क्लीनिक ही बन पाए हैं। दूसरे कार्यकाल में सिर्फ 38 क्लीनिक जोड़े गए, जो उनके मेडिकल सर्विस के लक्ष्य से काफी पीछे हैं। 2015 में AAP सरकार ने 1000 क्लीनिक बनाने का वादा किया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ है। CAG रिपोर्ट में प्रोजेक्ट में देरी पर भी चिंता व्यक्त की गई है।

अधिकांश मोहल्ला क्लीनिकों में बुनियादी सुविधाओं की कमी का भी खुलासा हुआ है। 81 क्लीनिकों के मूल्यांकन में कई कमियां पाई गईं, जैसे कि 10 क्लीनिकों में पीने के पानी की अनुपलब्धता और 24 में दवाओं के भंडारण के लिए एयर कंडीशनिंग की कमी। इसके अलावा, कई क्लीनिकों में शौचालय की सुविधाएं भी नहीं थीं।

CAG ने बताया कि डीजीएचएस ने 26 फरवरी 2018 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें सभी मोहल्ला क्लीनिकों का तिमाही दौरा अनिवार्य किया गया था। हालाँकि, ऑडिट से पता चला है कि मार्च 2018 और मार्च 2023 के बीच केवल 1.5% निरीक्षण ही पूरे किए गए।

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