नई दिल्ली: गुरुवार की रात दिल्ली में फरवरी का सबसे गर्म तापमान दर्ज किया गया। यह 75 वर्षों में फरवरी की सबसे गर्म रात थी, जिसमें न्यूनतम तापमान 19.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 7 डिग्री अधिक है। देशभर में गर्मी बढ़ रही है और भारत में फरवरी का औसत न्यूनतम तापमान 1901 के बाद से सबसे ऊंचा रहा है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में इस असामान्य गर्म रात ने 25 फरवरी, 2015 का 19 डिग्री सेल्सियस का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
फरवरी 2023 में 1 से 28 तारीख तक का औसत न्यूनतम तापमान 19.5 डिग्री रहा, जो 2015 के बाद से सबसे गर्म है। 2017 में इस महीने का औसत न्यूनतम तापमान 11.7 डिग्री था, जबकि औसत अधिकतम तापमान 2023 में 28.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।
जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझने के लिए हर एक से तीन किलोमीटर पर एक ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन की आवश्यकता है, यह कहना है मौसम विभाग के पूर्व ADG आनंद शर्मा का। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से होने वाली मौसमी आपदाओं के कई कारण हैं, और जब तक यह नेटवर्क मजबूत नहीं होगा, स्थिति में सुधार नहीं होगा।
दिल्ली में गर्मियों की तीव्रता बढ़ी है, परंतु पिछले कुछ वर्षों में धूल भरी आंधियों की कमी आई है, जो गर्मियों में कुछ राहत प्रदान करती थीं। उन्होंने कहा कि तापमान में गिरावट लाने के लिए माइक्रो प्लान की आवश्यकता है।
2024 में मुंगेशपुर में रिकॉर्ड तापमान 52.3 डिग्री सेल्सियस को लेकर उठे सवालों पर उन्होंने कहा कि ऑटोमेटिक वेदर स्टेशनों की स्थापना के साथ-साथ उनकी सही कैलिब्रेशन भी आवश्यक है, ताकि गलत डेटा से नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
CSE के सस्टेनेबल हैबिटेट के निदेशक रजनीश सरीन ने बताया कि भारत के कई बड़े शहरों का 75 प्रतिशत हिस्सा अत्यधिक गर्म है। 2001-2010 में जो शहर रात में ठंडे होते थे, अब वैसा नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर बिल्डिंग निर्माण में सुधार किया जाए, तो गर्मी को कम किया जा सकता है।
ग्लोबल इलेक्ट्रिसिटी डिमांड में सबसे अधिक खपत कूलिंग के लिए हो रही है, और इसकी वजह से होने वाला उत्सर्जन 2030 तक दोगुना हो सकता है।
CSE के विश्लेषण के मुताबिक, पिछले दो दशकों में बड़े शहरों में ग्रीन स्पेस में 47.74 प्रतिशत और ब्लू स्पेस में 42.90 प्रतिशत की कमी आई है।
बिल्डिंग्स में हीट डिस्चार्ज के मानकों को लागू करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
लेखक के बारे में:
अशोक उपाध्याय, एक सीनियर डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर हैं, जिन्होंने 2013 में जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया एंड मैनेजमेंट से स्नातक किया। उनके पास पत्रकारिता में 10 वर्षों का अनुभव है और उन्होंने राजनीति, अपराध और अन्य क्षेत्रों पर काम किया है। 2020 में उन्होंने डिजिटल मीडिया में कदम रखा और मीडिया के बदलते स्वरूप के साथ खुद को अपडेट रखने का प्रयास कर रहे हैं।