Connect with us

दिल्ली

दिल्ली में नकली हेयर रिमूवल क्रीम बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश, मालिक को गिरफ्तार किया गया

Published

on

दिल्ली में पुलिस ने एक अवैध फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है, जहां नकली हेयर रिमूवल क्रीम का उत्पादन किया जा रहा था। आरोपी पवन कुमार ने बताया कि वह पहले कॉस्मेटिक क्षेत्र में काम करता था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण उसे भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। इसके बाद, उसने बाजार में नकली सौंदर्य उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए यह फैक्ट्री स्थापित की।

क्राइम ब्रांच ने बुराड़ी क्षेत्र में स्थित इस फैक्ट्री पर छापा मारा, जहां नकली क्रीम को प्रसिद्ध ब्रांडों के पैकेजिंग में भरा जा रहा था। पुलिस ने पवन कुमार को गिरफ्तार कर लिया और मौके से बड़ी मात्रा में नकली उत्पाद, कच्चे माल और मशीनरी को जब्त किया।

क्राइम ब्रांच की उपायुक्त अपूर्वा गुप्ता ने जानकारी दी कि पुलिस को इस फैक्ट्री के बारे में गुप्त सूचना मिली थी, जिसके आधार पर बुराड़ी के कमल विहार इलाके में कार्रवाई की गई। तलाशी के दौरान 14,184 नकली हेयर रिमूवल क्रीम की ट्यूब, विभिन्न महंगे ब्रांडों के पैकेजिंग सामग्री, और मशीनरी जैसे ट्यूब-फिलिंग मशीन, प्रेसिंग मशीन और प्रिंटिंग उपकरण बरामद किए गए।

पूछताछ में पवन कुमार ने बताया कि वह पहले कॉस्मेटिक व्यवसाय में था, लेकिन महामारी के कारण नुकसान के बाद नकली उत्पादों के उत्पादन की ओर बढ़ गया। वह दिल्ली के सदर बाजार और अन्य स्थानों पर नकली क्रीम की सप्लाई करता था।

पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस गिरोह में और कौन लोग शामिल हैं। इसके साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि ये नकली उत्पाद किन दुकानों में बेचे जा रहे थे और इससे लोगों के स्वास्थ्य को कितना नुकसान हुआ।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

दिल्ली

बदरपुर में विशाल अजगर का रेस्क्यू: टीम की मेहनत से बचाई गई जान, वीडियो हुआ वायरल

Published

on

दिल्ली के बदरपुर क्षेत्र में एक विशाल अजगर (python) नजर आया, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। जैसे ही लोगों को इसकी जानकारी मिली, बड़ी संख्या में लोग अजगर को देखने के लिए इकट्ठा हो गए। कुछ युवकों ने अजगर को पत्थर मारकर परेशान करने की कोशिश की। इस दौरान, किसी ने वन्यजीव रेस्क्यू टीम को सूचना दी। टीम तुरंत मौके पर पहुंची और अजगर को सुरक्षित तरीके से पकड़ा।

अजगर को पकड़ने का प्रयास करते समय कई लोग वहां मौजूद थे। उसका आकार इतना बड़ा था कि उसे नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन अंततः सामूहिक प्रयासों से उसे सफलतापूर्वक पकड़ लिया गया। इसके बाद, अजगर को सूरजकुंड के जंगलों में छोड़ा गया, ताकि वह अपने प्राकृतिक आवास में सुरक्षित रह सके।

रेस्क्यू के बाद, लोगों ने राहत की सांस ली, क्योंकि अजगर को देखने के लिए जुटी भीड़ के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में कठिनाई का सामना करना पड़ा। वन्यजीव विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी वन्यजीव को नुकसान न पहुंचाएं और ऐसी स्थितियों में तुरंत अधिकारियों को सूचित करें। शहरी क्षेत्रों में वन्यजीवों के आने पर उचित कदम उठाना जरूरी है, क्योंकि उनका शिकार करना न केवल अनैतिक है, बल्कि कानूनी रूप से भी दंडनीय हो सकता है।

Continue Reading

दिल्ली

दिल्ली विधानसभा सत्र: मोहल्ला क्लीनिक में गड़बड़ी की जांच, रेखा सरकार आज पेश करेगी CAG रिपोर्ट

Published

on

By

Continue Reading

दिल्ली

10 साल में केवल आधे मरीजों का इलाज, एक मिनट में नहीं सुना जाता उनकी परेशानी; CAG रिपोर्ट में मोहल्ला क्लीनिक की कई कमियां उजागर

Published

on

By

नई दिल्ली: दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों की स्थिति पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में गंभीर चिंता जताई गई है। रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टर मरीजों को देखने में एक मिनट से कम समय व्यतीत कर रहे हैं, जबकि कई क्लीनिकों में आवश्यक उपकरणों की कमी देखी गई है, और कुछ क्लीनिक महीनों तक बंद रहे। इसमें दवाओं की अनुपलब्धता, लैब सेवाओं का ठप होना, और आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार द्वारा किए गए वादों के अनुसार कम क्लीनिकों के निर्माण जैसे मुद्दे भी शामिल हैं। रिपोर्ट में क्लीनिकों के निरीक्षण में लापरवाही का भी उल्लेख किया गया है।

CAG की रिपोर्ट ने दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिकों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। इसमें बताया गया है कि अधिकांश मरीजों को डॉक्टरों द्वारा एक मिनट से भी कम समय दिया जा रहा है, और जरूरी उपकरण जैसे पल्स ऑक्सीमीटर, ग्लूकोमीटर, एक्स-रे व्यूअर, थर्मामीटर और ब्लड प्रेशर मॉनिटर कई क्लीनिकों में उपलब्ध नहीं हैं।

रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि 18% क्लीनिक 15 दिनों से लेकर 23 महीनों तक बंद रहे हैं। इसके पीछे डॉक्टरों की कमी, इस्तीफे और डी-एम्पैनलमेंट जैसे कारण बताए गए हैं। चार जिलों के 218 क्लीनिकों में से 41 क्लीनिक बंद मिले। अक्टूबर 2022 से मार्च 2023 के बीच 70% मरीजों को एक मिनट से भी कम समय के लिए परामर्श दिया गया, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं।

दवाओं की उपलब्धता पर भी चिंता जताई गई है। 74 क्लीनिकों में आवश्यक दवा सूची (EDL) में शामिल 165 दवाओं का पूरा स्टॉक नहीं पाया गया। दवाओं की आपूर्ति में बार-बार आने वाली दिक्कतों के कारण कई बार ऑर्डर पूरे नहीं हो पाए या आंशिक रूप से ही पूरे हुए। कई दवाएं या तो खरीदी ही नहीं गईं या ऑर्डर देने के बावजूद विक्रेताओं द्वारा डिलीवर नहीं की गईं। इसके परिणामस्वरूप, क्लीनिकों की समय पर देखभाल प्रदान करने की क्षमता प्रभावित हुई।

AAP सरकार के 10 साल के शासन में केवल 53% नियोजित मोहल्ला क्लीनिक ही बन पाए हैं। दूसरे कार्यकाल में सिर्फ 38 क्लीनिक जोड़े गए, जो उनके मेडिकल सर्विस के लक्ष्य से काफी पीछे हैं। 2015 में AAP सरकार ने 1000 क्लीनिक बनाने का वादा किया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ है। CAG रिपोर्ट में प्रोजेक्ट में देरी पर भी चिंता व्यक्त की गई है।

अधिकांश मोहल्ला क्लीनिकों में बुनियादी सुविधाओं की कमी का भी खुलासा हुआ है। 81 क्लीनिकों के मूल्यांकन में कई कमियां पाई गईं, जैसे कि 10 क्लीनिकों में पीने के पानी की अनुपलब्धता और 24 में दवाओं के भंडारण के लिए एयर कंडीशनिंग की कमी। इसके अलावा, कई क्लीनिकों में शौचालय की सुविधाएं भी नहीं थीं।

CAG ने बताया कि डीजीएचएस ने 26 फरवरी 2018 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें सभी मोहल्ला क्लीनिकों का तिमाही दौरा अनिवार्य किया गया था। हालाँकि, ऑडिट से पता चला है कि मार्च 2018 और मार्च 2023 के बीच केवल 1.5% निरीक्षण ही पूरे किए गए।

Continue Reading
Advertisement

Trending

Copyright © 2017 Zox News Theme. Theme by MVP Themes, powered by WordPress.