**ग्रेटर नोएडा का विकास: नए चरण की शुरुआत**
ग्रेटर नोएडा, जो कि अपने विकास के बावजूद कई वर्षों तक जनसंख्या के मामले में लोगों की पसंद नहीं बन पाया, अब नए परिवर्तन की ओर बढ़ रहा है। इसके पीछे एक मुख्य कारण सार्वजनिक परिवहन की कमी रही है। इसीलिए, ग्रेटर नोएडा के फेज-2 में सार्वजनिक परिवहन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ती जनसंख्या और प्रदूषण को देखते हुए, ग्रेटर नोएडा फेज-2 के विकास की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण इस क्षेत्र को एक आधुनिक, हरित और हाईटेक शहर के रूप में विकसित करने की योजना बना रहा है। इस योजना के तहत, ग्रेटर नोएडा-2 का लगभग 16 प्रतिशत क्षेत्र (7,908.60 हेक्टेयर) ग्रीन एरिया के रूप में विकसित किया जाएगा, जबकि 1,073.96 हेक्टेयर भूमि को वन क्षेत्र में परिवर्तित किया जाएगा।
ग्रेटर नोएडा फेज-2, जेवर एयरपोर्ट के निकटता का लाभ उठाते हुए, सार्वजनिक परिवहन के अन्य साधनों को विकसित करने की योजना बना रहा है। इसके तहत दादरी में एक मल्टी-मॉडल ट्रांजिट हब, एक मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब और मेट्रो के विस्तार की योजना शामिल है। इसके अतिरिक्त, इस क्षेत्र को प्रमुख सड़कों जैसे नोएडा एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे, और गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने का काम चल रहा है।
गंगा नहर के किनारे भी विकास की योजनाएं हैं, जिसमें उच्च स्तरीय कार्यालय, रेस्तरां, होटल और वित्तीय संस्थानों का निर्माण शामिल है। फेज-2 में नहरों के किनारे चौड़े सैरगाह, ओपन एयर थियेटर, सार्वजनिक उद्यान और अन्य सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
**नए ग्रेटर नोएडा की योजना: एक नजर में**
– 16 प्रतिशत क्षेत्र को ग्रीन जोन के रूप में विकसित किया जाएगा।
– 1,073.96 हेक्टेयर भूमि को वन क्षेत्र में बदला जाएगा।
– 1,422.20 हेक्टेयर में शैक्षणिक ग्रीन एरिया का विकास होगा।
– हर ब्लॉक में कम से कम 2 बड़े पार्क बनाए जाएंगे।
– सौर ऊर्जा आधारित स्ट्रीट लाइट्स और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे।
ग्रेटर नोएडा फेज-2 के विकास के लिए विशेष ध्यान नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी को मजबूत करने पर दिया जा रहा है। इसके साथ ही, मेट्रो के विस्तार से ग्रेटर नोएडा में मेट्रो नेटवर्क बढ़ाने की योजना है। रेलवे और मेट्रो की कनेक्टिविटी के लिए बोड़ाकी मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब का विकास किया जा रहा है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एनजी रवि के अनुसार, हम जनसंख्या और प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए नए ग्रेटर नोएडा का खाका तैयार कर रहे हैं। यह क्षेत्र हाई-टेक सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा।